बुधवार, 10 नवंबर 2021

पंक्ति पर काव्य लेखन स्वरचित अतुकांत कविता द्वारा अमित तिवारी शून्य ग्वालियर मध्य प्रदेश शीर्षक : बदलियाँ , बिजलियाँ और बारिशें

पंक्ति पर काव्य लेखन

स्वरचित अतुकांत कविता

द्वारा अमित तिवारी शून्य

 ग्वालियर मध्य प्रदेश

शीर्षक : बदलियाँ , बिजलियाँ और बारिशें

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देखकर आज आपकी अदाओं को

बिजलियां, बदलियाँ  और बारिश भी

बदल लेती हैं अपनी ख्वाहिशें

 

बड़ी बेरहम सी और कातिल सी निगाहें

तुम्हारी हमें मजबूर करती हैं

करने को थोड़ी सी शरारतें

वो बनकर तुम्हारा हम पर बिगड़ना

बदलियों के मानिंद होठों से आती

सिरहन की सिसकियाँ करें बेचैन हमें

 

खनकती बालियां एतबार दिलाती हैं

लगे हमको कि बह रही हों

बारिशों से जैसे कोरी क्यारियां

तुम्हारे जिस्म की सिरहन थी वो

या थी कुछ शौख बिजलियां

बहक उठे जिनसे हमारे होश सिरे से

 

चलो अब दूर रहकर ही सही

गिरा दो आज अपनी तबोताब

भरी बदलियाँ , बिजलियाँ और बारिशें

 

हम पर हमारी चाहतों के नाम

तुम्हारा हम पर होगा एहसान सरेसाम

 

            

                       द्वारा : अमित तिवारी “ शून्य”

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...