स्वरचित अतुकांत कवित्त
शीर्षक बचत
द्वारा डॉ. अमित तिवारी " शून्य"
ग्वालियर म प्र,भारत
ए कैसी नियत
बिना बनाए
एक आदत
करने की बचत ।
कैसे कर पाओगे
जीवन में बरकत
सोचो सोचो
तोलो मोलो
और करो
किफायत।
वरना तो आयेगी
घर में बाहर
खर्चों की शामत
होगी गफलत।
तो जागो जागो
और अपनाओ
जीवन में बचाने
की आदत।
करो करो बचत
करो करो बचत।।
धन दौलत
या समय की
या संसाधन की
ही क्यों ना,
पेड़ बचाओ
जल बचाओ
बचा संसाधन
पृथ्वी का
करो कल्याण
बचत की महिमा
जानो
खुद और
मानवता पृथ्वी
पर
होगा
यह एहसान
होगा यह एहसान।।
द्वारा डॉ अमित तिवारी " शून्य"
10.04.2023
ग्वालियर 🙏
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