बुधवार, 12 अप्रैल 2023

चांदनी रात में अतुकान्त कविता द्वारा डॉ अमित तिवारी शून्य, ग्वालियर भारत

 चांदनी रात में 

स्वरचित अतुकांत कविता 

द्वारा डॉ अमित तिवारी शून्य

ग्वालियर,भारत



स्वप्न की चाह में

बात ही बात में

कुछ नहीं रात में

 चांदनी रात में


युद्ध के क्षेत्र में 

लड़ रहे थे जवां वे थे वहां 

चांदनी रात में 

ना था कोई जहां


सिर्फ शस्त्र थे चले 

कुछ थे दुश्मन बड़े

आ गए थे जो यम

का बन पाश

सम्मुख चांदनी रात में


वीरता से लड़े

शत्रु भागे खड़े

गिर पड़े वो योद्धा बड़े

वीर थे लाल थे


हां कोई श्रंगारिक तथ्य

भी तो ना था

समर का ज्वार भीषण

बहुत रहा आके

हृदयों पर जब लगा घात


जब मिली उन्हे 

उत्तम शहादत गति

चांदनी रात में


रक्त ठंडा पड़ा

कंकपकाया बदन

जो रहा था बड़ा

दल बन चांदनी रात में

चांदनी रात में



स्वरचित अतुकान्त कवित

द्वारा

डॉ अमित तिवारी शून्य

ग्वालियर,भारत

12.04.2023

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...