रविवार, 17 अक्टूबर 2021

जीवन – मरण स्वरचित अतुकांत कविता द्वारा : अमित तिवारी “शून्य” ग्वालियर , म.प्र.

 

जीवन – मरण

स्वरचित अतुकांत कविता द्वारा : अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , म.प्र.

 

संसार है एक नाटक का मंच कोई न्यारा

जिसमे हम जीतें हैं जीवन किरदार कोई प्यारा

जीवन – मरण इसके आरम्भ और अंत सिरे

पाया क्या जीवन में  जो न मरण को जान सके

युगों की कारा में शब्दों के भाव लिए

जो आया जीवन में वो मृत्यु तय लिए पैदा प्रिये

मानव को चिंता क्यूँ जीवन –मरण की है

जब मृत्यु शाश्वत है तो देह का जाना भी तय है

इसलिए भावुकता छोड़ें तन का वितान लेकर

जीवात्मा को निज संग ही हम जाने ||

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...