मंगलवार, 21 सितंबर 2021

तपस्या स्वरचित लघुकथा द्वारा अमित तिवारी “शून्य” ग्वालियर , म.प्र.

 

तपस्या

स्वरचित लघुकथा

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , म.प्र.

==============================================

 

गौतम ने अपने पिता जी आज फिर  से बात करनी ही चाही थी| पर  आज भी पिता जी अपने पूर्व के तय कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण; पहले ही निकल गए | गौतम आज तकरीबन एक साल से अपने मन की बात को उन्हें न बता पाने के कार बहुत असहज महसूस कर रहा था | आज उसने हिम्मत करके अपने पिता जी की जगह माता जी को वो बात बता ही दी | माँ उसकी बात सुनकर मानो अपने बेटे की गुमनाम हो कर   की गई तपस्या पर मानो फूली नहीं समा रही थी | आखिर उसे यकीन नहीं हो पा रहा था की क्यूँ गौतम को वो दोनों समझ नहीं पा रहे थे | वो तो आज जब उसने अपने मन की बात माँ को बताई कि मैंने कई दिनों की मेहनत से यू टयूब पर एक चैनल बनाया है | अब  जिसके एक  लाख सब्सक्राइबर हो गए हैं | आज इसी की वजह से बाहरी दुनिया में लोग उसे जानने लगें हैं और इज्ज़त भी देने लगें हैं |पांच दिन पहले उसे यू टयूब की तरफ से  पहली कमाई के तौर एक लाख रुपये उसके बैंक अकाउंट  में मिले हैं | जिसे वो चैक के रूप में  कई दिनों से पापा को देना चाह रहा था | उसने यह सब बात बता कर माँ से कहा आप ही पापा को यह सब बता देना और ऐसा कह कर अपना लैपटॉप बैग और कैमरा वगैरह लेकर घर से अपना स्कूटर लेकर  चला गया | उमा आज भरी लेकिन ख़ुशी  के आंसू लिए अपने बेटे की इस गुमनामी में की गई तपस्या के लिए उसे मन ही मन आशीष दे रही थी और इश्वर को उसकी तपस्या को सिद्ध करने के लिए धन्यवाद भी  दे रही थी |   

 

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , म.प्र.

कोई टिप्पणी नहीं:

चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...