बुधवार, 22 सितंबर 2021

पंक्ति पर काव्य पंक्ति : दिल ने दी आवाज़ तुम्हें द्वारा अमित तिवारी “शून्य” ग्वालियर ; भारत

 

पंक्ति पर काव्य

पंक्ति : दिल ने दी आवाज़ तुम्हें

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर ; भारत

 

 

अकसर दिल में छिपाने की खलिश रहती है

हाँ कहे देती हूँ कि दिल ने दी आवाज़ तुम्हें है |

 

बनने और बिगड़ने के मानिंद जिन्दगी थी

हाँ रो लेती हूँ थोडा कि दिल ने दी आवाज़ तुम्हें है |

 

लफ्जों को कहाँ तक कोई संभालेगा यादों तले

हाँ सजदा किया करती हूँ तुम्हारा कि दिल ने दी आवाज़ तुम्हें है |

 

मिट जाता नहीं कोई यूँ ही जहाँ में किसी पर

हाँ होती है टीस की दिल ने दी आवाज़ तुम्हें है |

 

संभव नहीं था  छु लेती तुम्हारे रगों की खुश्बू जरा सी

हाँ जानती हूँ तुम भी बड़े इत्रो-आब हो गए कि दिल ने दी आवाज़ तुम्हें  है |

 

सरगोशी या ख़ामोशी दिल में भी है जुबां पे भी

देखती हूँ की तुम कुछ बदले से हो कि दिल ने दी आवाज़ तुम्हें है |

 

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , भारत

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...