शब्द अनमोल हैं,
अर्थ बहुमूल्य है,
संस्कृति के सहजे,
इनके अपने मायने,
गढ़ते हैं इस धरा,
पर नया ही सृजन,
स्वप्न से कीमती,
अपनेपन से सृजित,
दर्प से दूर है,
गर्व से हो रहित,
साक्ष्य इतिहास
के,
भारतीयता में
आबद्ध हो,
संस्कृति के
उत्थान को,
आपको देते
बहुमूल्य,
समय शक्तियां,
देश के पर्यटन,
की गढ़ती दिशाएं,
नई संस्कृति के,
सामंजस्य गढ़ती,
देश की पर्यटन
विमांए |
द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य‘
ग्वालियर म.प्र.
दिनांक- 11.01.2021
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