सोमवार, 7 दिसंबर 2020

विघ्न /बाधा एक मुक्तक द्वारा – अमित तिवारी “ शून्य”

 

विघ्न /बाधा

एक मुक्तक  द्वारा – अमित तिवारी “ शून्य”

 

विघ्न- बाधा जीवन के पथ का मूल शत्रु,

पर यदि न होते तो,

शायद जीवन होता बहुत सहज

किन्तु नीरस भी तो होता

क्योकिं नहीं होती कोई रुकावटें

थकावट और संकोच जनित चिंताएं

बस हर ख्वाहिश पूरी होती तो

उनके यूँ ही पुरे होने का मज़ा नहीं होता

हाँ उम्मीदें टूटने का डर तलक भी

न होता यदि खुद से किसी बाधा के हमारे सामने आने का

भय ना होता, जीवन तो होता

जीवन में संघर्ष न होता

विघ्न न होता तो जीवन का अर्थ

सहज भर होता फिर जीवन की

परिभाषा का मूल

सघर्ष न होता

पर सच यह है की

जीवन में विघ्न व बाधायों का आना

एक नितांत है जो था , है और रहेगा

 

द्वारा

अमित तिवारी “ शून्य”

 

 

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...