तीज है त्यौहार
एक स्वरचित मौलिक
अतुकांत कवित्त
द्वारा अमित तिवारी “शून्य”
ग्वालियर , म.प्र.
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तीज है
बीज
संस्कृति के
प्लावन का
सावन के
आगमन से
उत्कर्ष का
हर्ष का
झूले
मेले
हास्य
रंग
उमंग की
बेला का
सपनो की
बनती नयी
सी इबारत का
सृजन का
हरियाली की
बेला और
मेहँदी का
चूड़े का
नारी धर्म की
पराकाष्ठा का
और
उत्सर्ग के
संसर्ग का
मिलते हुए
दृष्टव्य का
सन्दर्भ में
पति व्रत का
नारी सौभाग्य
के रूप में धर्म का
नारी का शाश्वत
सौभाग्य रूप
तीज
सृष्टि का
सार्थक बीज ||
द्वारा अमित तिवारी “शून्य”
ग्वालियर म.प्र.
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