चित्राधारित :स्वरचित अतुकांत कवित्त
“दादा पोते का साथ” 
द्वारा अमित तिवारी शून्य
ग्वालियर , म.प्र.
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छप -छप लहरों की आवाज़ 
सागर के किनारे आये आज 
दादा जी का प्यारा साथ 
पकड़ा उन्होंने मेरा हाथ 
दूर से दिखा तारा एक प्यारा 
था वो बहुत ही उजियारा 
दादा उसकी बात बखाने
छोटा बबलू उसको कब था जाने 
आज नयी एक बात जन ली 
दादा जी के ज्ञान से भान ली ||
द्वारा 
द्वारा अमित तिवारी शून्य
ग्वालियर , म.प्र.
 
 
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