सोमवार, 30 अगस्त 2021

कृष्ण सत्य हैं स्वरचित मौलिक अतुकांत कवित्त द्वारा अमित तिवारी “शून्य” ग्वालियर , म.प्र

 

कृष्ण सत्य हैं

स्वरचित मौलिक अतुकांत कवित्त

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , म.प्र.

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कृष्ण सत्य का रूप हैं

ज्ञान की धूप हैं

प्रेम का राग हैं

धरम का मर्म हैं

मोक्ष का द्वार हैं

गीता में काव्य हैं

ईश् में इंद्र हैं

प्रेम का केंद्र हैं

धर्म का मूल हैं

गौवंश ग्वाल हैं

रक्त में लाल हैं

द्रौपदी चीर हैं

कृष्ण युगवीर हैं

 

कृष्ण सारथ्य रूपपथ प्रदर्शक भी है

सत्य का रूप युगदृष्टा भी हैं

कृष्ण रुक्मणि भाल हैं

वो सुदामा सहोदर सखा राम रूप हैं

वे मुझ में भी हैं

और तुझमें भी हैं

वो मंदिर में भी हैं

और हरेक दिल में भी हैं

गोपिका के लिए

वो मधुवन में हैं

वे अर्जुन सखा

युग समन्वयक भी हैं

भारतवर्ष की राजनीती का धुरंधर भी हैं

परन्तप का विश्वास और उनका नेह हैं

वे सरल हैं कभी

और कभी गरल भी तो हैं

वो जटिल कंस से

चाणूरमर्दन भी हैं

 

क्यूँ ना कह दे कृष्ण सत्य हैं  जगद्गुरु हैं

हां कृष्ण सत्य का रूप हैं

हाँ कृष्ण सत्य का रूप हैं ||

स्वरचित मौलिक अतुकांत कवित्त

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

ग्वालियर , म.प्र.

 

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...