रविवार, 29 अगस्त 2021

युग्म शब्द आधारित काव्य रचना “जाना- पहचाना” द्वारा अमित तिवारी “शून्य” अतुकांत कविता

 

युग्म शब्द आधारित

काव्य रचना

“जाना- पहचाना”

द्वारा अमित तिवारी “शून्य”

अतुकांत कविता

 

कौन नहीं जानता उनको

वो कान्हा सबका जाना – पहचाना,

बना सारथी धर्म युद्ध में

परन्तप को मिला ज्ञान अनजाना,

मन को भाता प्रेम उसी का

कहलाता सबका ईश् वो जाना -पहचाना,

दिव्य दृष्टि देकर जिसने

दिखा दिया निजरूप विराट

पर था जग ने उसको कब जाना ,

स्रष्टि को दृष्टि दे डाली

दिया प्रेम , कर्म का ज्ञान जाना -पहचाना,

आज तुम्हारे दर्शन को तरसें

नर नारी पर कृष्ण तो सबका जाना -पहचाना,

खोलें अन्तर्मन  की आँख

पाएं निज मन में कान्हा जाना -पहचाना ||

 

  

 

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