बुधवार, 11 नवंबर 2020

रोशनी एक स्‍वरचित अतुकांत कविता द्वारा अमित तिवारी ‘शून्‍य’ ग्‍वालियर मप्र

  रोशनी

एक स्‍वरचित अतुकांत कविता

द्वारा अमित तिवारी शून्‍य

ग्‍वालियर मप्र

 

रोशनी नाम है मन के उजालों का,

कभी अपनों से दूर जाकर भी अपना फर्ज निभाने का,

रोशनी नाम है दिल खोलकर मुस्‍कुराने,

और ठहाके लगाकर जिन्‍दगी को गुदगुदाने का,

बैठे हुए दिलों में जिन्‍दगी के रंग भरने का,

और उड़ते हुए रंगों को रंगीन करने का,

ये नाम है अपनी भूख बॉट,

किसी और की भूख मिटाने का,

यह नाम है खुद पर हस औरों को गुदगुदाने का ,

मुफ़लिसी के कई आलम होगें मग़र ,

उसमें भी अपनी खुदी से रईसी दिखाने का,

रोशनी ज़ज्‍बा है फितरते मोहब्‍बत निभाने का,

उड़ी हुई नींद से खुद सो जाने का,

रोशनी नाम है गैर की तरक्‍की पर मुस्‍कुराने का,

रोशनी का नाम है श़म्‍मा जला वीराने मन को जगाने का,

रोशनी नाम है इल्‍म का ,

जहॉ में इल्‍म की इब़ादत कर हरेक को पढ़ाने का,

रोशनी नाम है मोहब्‍बत कर खुद ही से,

जहॉ को एक हुनरमंद मय्यस्‍सर कराने का,

रोशनी नाम है दिवाली की टूटी आस में,

डूबे घर को रोशन कर जाने का,

किसी बुझे चूल्‍हे को फिर से जला रोटियां पका,

पाने का हुनर दिला पेट की भूख मिटाने का

 

 

द्वारा अमित तिवारी शून्‍य

ग्‍वालियर मप्र

दिनांक ११.११.२०२०

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...