गुरुवार, 26 नवंबर 2020

पल /क्षण /लम्हे स्वरचित अतुकांत कविता द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’

 

पल /क्षण /लम्हे

स्वरचित अतुकांत कविता

द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’

==============

 

शून्य में था एक पल पला

पल क्षण भर में बना लम्हा

लम्हों में बदली ज़िन्दगी

बानगी रह गयी बदली ज़िन्दगी

पल क्षण और लम्हे तय हुए

बन गयी ज़िन्दगी एक तासीर सी

बह गयी वर्षों की कारा

लम्हों की श्रंखला में कहीं

वो आये भले थे अश्वेत थे

पर अब सब श्वेत हो गए

खो गए कहाँ बचपने के निशां

अब कहीं रह गए

ठूंठ से पल रुके

थी थर्राती जवानी

मिट गए अब यकीं

खो गए यार सारे पुराने अभी

पल क्षण भर में बना लम्हा

लम्हों में बदली जिन्दगी

बानगी रह गयी बदली जिन्दगी

 

 

                                                      द्वारा अमित तिवारी शून्य

 

कोई टिप्पणी नहीं:

चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...