शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

बारिश, बच्चे और कागज़ की नौका यानि निर्लिप्त बचपन : एक चित्र लेखन स्वरचित :द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’

 

बारिश, बच्चे और कागज़ की नौका यानि निर्लिप्त बचपन : एक चित्र लेखन

 स्वरचित :द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’

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बरखा को बुलाकर,

बच्चों को सिखाकर,

नाव कागज़ की बनाकर,

गम के जीवन को भुलाकर,

नेह का दर्पण जगाकर,

आओ प्यारा बचपन जियें,

अटखेलिया करें,

नावों के जीवन का भाव भरें,

आगे चलें फिर पीछे मुड़ें ,

न डर हो न दुरी हो,

 

आओ फिर से प्यारा बचपन जियें      

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

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