गुरुवार, 20 अगस्त 2020

भाव पल्‍लवन विषय:- ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’, भाव की सोदाहरण अभिव्‍यक्ति/व्‍याख्‍या

 

भाव पल्‍लवन

द्वारा अमित तिवारी शून्‍य

विषय:- पर उपदेश कुशल बहुतेरे’, भाव की सोदाहरण अभिव्‍यक्ति/व्‍याख्‍या

 

जीवन पटल में मनुष्‍य एक मात्र प्राणी है जो कि स्‍वभाववश कथनी और करनी में किंचित भेद रखता है, और अन्‍योन क्षेपण द्वारा सबको दर्शन देकर विर्निदिष्‍ट करता है। ऐसा ही एक छोटा सा वाक्‍या श्रीमान हरिओम जी के साथ का उद्धरत है यूं कि हरिओम जी एक समय अपने कुछ पडोसियों के साथ जन्‍माष्‍टमी पर्व का उल्‍लास कार्यक्रम में भागीदारी कर रहे थे, उन्‍हे कार्यक्रम की व्‍यवस्‍था हेतु कई लोगों के साथ समिति में प्रबंधन हेतु रखा। उत्‍सव के आनंद की पराकाष्‍ठा अपने चरमोत्‍कर्ष पर थी लोगों का हुजूम प्रसाद प्राप्ति के लिए उमड पडा, हरिओम जी द्वारा जनमेदनी को सूत्र दिया गया की  प्रसादी प्राप्‍त करने के बाद दोने इधर-उधर नही फेंके जाएंगे , सहयोग करे साथ ही प्रसादी एक बार लेकर पुन: न लेवें।किन्‍तु नजदीक बैठे हेमन्‍त ने अपनी पारखी नजर से देखा कि श्रीमान हरिओम व्‍यवस्‍था चलने में ही प्रसादी के कई भाग स्‍वयं के नियंत्रण में (डिब्‍बे में) कर चुके है और दोने भी प्रभु कृपा से सभी दिशाओं में श्रीमान के द्वारा तरपित की जा चुके है... और यह प्रक्रिया यथा संभव जारी है। !! हरे कृष्‍ण हरे कृष्‍ण !! ठीक ही है पर उपदेश कुशल बहुतेरे

द्वारा अमित तिवारी शून्‍य

दिनांक: 20.08.2020

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...