गुरुवार, 22 जुलाई 2021

आलेख लेखन में विषय भाषा और उपसंहार का महत्व

 

आलेख लेखन में विषय भाषा और उपसंहार का महत्व

द्वारा अमित तिवारी

सहायक प्राध्यापक

भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान

ग्वालियर मध्य प्रदेश

 

आलेख लेखन की एक बहु प्रचलित और परिष्कृत विधा युद्ध एक महत्वपूर्ण विधा है, और वर्तमान में यह अधिक प्रासंगिक और ज्यादा पढ़ी और समझी जाने वाली विधा भी बन गयी है | हिंदी या किसी अन्य भाषा में लिखे जाने वाले वे लेख आलेख कहे जाते हैं जिनमे आंकलन आधारित आंकड़ों की प्रस्तुति के साथ लेखक और पाठक के बीच सीधी तारतम्यता प्रदर्शित होती है | यह विधा हिंदी समेत किसी भी अन्य भाषा साहित्य में एक महत्वपूर्ण भूमिकाअदा करती है । यदि इस परिपेक्ष्य में  आलेख लेखन की प्रासंगिकता की बात की जाए तो ज्ञात होता है, कि आलेख लेखन में विषय एक महत्वपूर्ण एवं केंद्रीय भूमिका रखता है|  विषय वस्तु विभिन्न उपक्रमों के कालक्रम में एक सदैव एक अपरिहार्य तत्व  होता ही है| जिसका अपना विवेचित तादात्म्य होता है और जिसे सृजते समय- व्यक्तिगत, सामाजिक, समसामयिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, साहित्य सम्यक  आदि सभी समुच्चयों को द्रष्टिगत करना होता है; जो कि आलेख की आत्मा स्वरूप है।

 भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम भी है और शब्दों के उचित संयोजन द्वारा लेखक के विचारों को समस्त पाठक वर्ग तक उतने ही प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सकता है जितनी भाषा में प्रचुरता और शाब्दिक गंभीरता होती | अतः हिंदी जैसे समृद्ध भाषा के परिपेक्ष में परिपेक्ष को संपूर्ण करती ही है |

 शब्द संयोजन एवं विषय उद्दीपन भावों को भाषा में भरने का महत्वपूर्ण साधन है | किसी भी आलेख की सार्थकता किसी भी भाषा के साथ- साथ उसके समृद्ध विषय से ही होती है और दोनों मिलकर उसे परिपूर्ण  और परिष्कृत  बनाते  हैं| किसी भी हालत में आलेख की सार्थकता उसके उपसंहार की गहराई और उल्लेखित साक्ष्यों, तदर्थों के समन्वित  संक्षेपण के द्वारा पाठक के मन मस्तिष्क तक पहुंचने से होती है |  उपसंहार एक महत्वपूर्ण लेखनी परिपाटी है; जिसमें क्रमिकता के आधार पर आलेख की संपूर्णता, उसके विषय पर लेखक के निदानात्मक निरूपण के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है| अंततः सार्थकता से यह संक्षेपित किया जा सकता है कि आलेख लेखन में विषय ,भाषा और उपसंहार का महत्वपूर्ण योगदान रहता ही है ।

द्वारा अमित तिवारी

सहायक प्राध्यापक

भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान

ग्वालियर मध्य प्रदेश

22.07.2021

 

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...