सोमवार, 14 सितंबर 2020

"हिन्दी "- हिन्दी दिवस एक भाव कवित्त द्वारा अमित तिवारी "शुन्य "

 

हिन्दी /हिन्दी दिवस

अतुकांत  स्वरचित कवित्त (हिन्दी दिवस विशेष )

द्वारा अमित तिवारी

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है

हिंदी

ममत्व की भाषा

राष्ट्रबोध की हितैषी

जननी है  यह  ,

माँ भारती का बिम्ब है

धरा पर दया रूप धारिणी है

निज जन के हृदय पातक तारिणी है

अम्ब सलिला सुमुखा सी

भारती- तम स्नेह नेह निर्झरी सी है

हिन्दी भाल पर चन्द्र सी है

 

लता –पता विनोदिनी सी रही है

सुभ्र हो रवीन्द्र सम रम्य तप रही है

निज लोचन सी गोचर हो विद्द्रुम सी खिली है

 

नितांत बह रही है

निज नेह भाव कह रही है

गढ़ –रही सर्जन के वितान

तीर्थ बन गए देवनागरीय वितान

सर्व क्लेशहारिणी

संताप शोक नाशिनी

ह्रदय- सूक्ष्म भाव प्रेषति

मनो- विचार धारिणीं

हिन्दी- स्वाभाव सुभ्र सी

पराभव भाव तारिणी

नेह-भार धारिणी

हृदय विहला समभाषनी

 

ममत्व मयी हरिता

हिन्द की सी धरिता

निज जनों को बांधती

शत- सूत्र

राष्ट्र नेह

के उद्भासिती

हिंदी- प्रणय प्रभासिती

भारत हृदय वासिनी

 

निज जन –गण- मन की रंजिनी

स्वातंत्र्य वीर अभ्ययांजिनी

सुर सरिता साधती

माँ –ममत्व पालती

 

हिंदी विजय उद्घोष सी

तिमिर पाप मोचती

हर हृदय का दंभ है

हिन्दी विजय का प्रारंभ है

युगों के वितान का

सुरमयी आरभ्म है

-(जय हिंदी ,जय भारती )

 

द्वारा अमित तिवारी “शून्य “

हिन्दी सेवक -14.09.2020

 

 

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

  चित्र आधारित स्वरचित रचना     “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’ ग्वालियर, भारत ; 30.06.2023   ...