पनिहारिन प्यारी सखी
एक चित्र लेखन 
द्वारा अमित तिवारी “शून्य”
==================================================== 
सुन री सखी प्यारी सखी 
सुन ले मेरे हिय की कहानी 
कह जो ना पाई अम्मा-बाबा से 
तड़पते ह्रदय की जुबानी 
पी के साथ के प्रणय के प्रसंग 
और बिछड़न मे विरहनी की कहानी 
उनके आलिंगन का रोमांच
और निष्ठुरता के एकांत की बयानी
तुझ बिन यहाँ कौन समझेगा मुझको
तू री सखी सबसे सयानी
जब गए पिया मोकों छोड़ मैके
मोहे साँची ना भावे रोटी ना पानी
एक तोसों बात करूँ तोहि आवे
जिया में अज़ब सी रवानी
सुनरी सखी प्यारी सखी 
मेरे पिय सों प्रणय की कहानी 
रोम रोम जलने और 
धकसे करते जिया की जुबानी
आनंद सो उमड़ा आवत है 
जब आयूं पी के सानी
मन मेरो यूँ ही कहे निकसे प्राण
बस बन के रहूँ पिया की दीवानी
द्वारा अमित तिवारी “शून्य”
ग्वालियर , म.प्र.
27.09.2020  

 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें