शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

जीवन का खालीपन एक स्वरचित अतुकांत कविता द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’ ग्वालियर म.प्र.

 

जीवन का खालीपन

एक स्वरचित अतुकांत कविता

द्वारा अमित तिवारी शून्य

ग्वालियर म.प्र.

दिनांक 16.10.2020

 

 

खलता है हर एक को

जीवन का खालीपन

कोई नही ऐसा है जिसको

न डसता सूनापन

महलों में सोए है लेकर सूनापन

वही झोपडी में भी दमके खालीपन

घोर निराशा घोल रही है केवल खालीपन

मिटा नही पर मिला नही जीवन में सूनापन

घोर अंधेरे इस अभाव में क्या कैसे पलता तन

अच्छा नही होता मन,तन,

जेब और दिमाग का खालीपन

भर आए फिर घर आए

हाँ जीवन में उभर आए

अपना दीवानापन

अच्छा है खोकर के पाना

तन, मन हो जीवन

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द्वारा अमित तिवारी शून्य

ग्वालियर म.प्र.

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चित्र आधारित स्वरचित रचना “ अतुकांत रचना” द्वारा डॉ अमित तिवारी “शून्य” शीर्षक : ‘मन के तार’

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