“बजरंग बलि तेरी महिमा”
स्वरचित द्वारा अमित तिवारी “ शून्य”
ग्वालियर , म.प्र.
अंजना के लाला
तू ही सबका रखवाला
तेरी महिमा क्या गाउँ मैं मतवाला
जीवन के हर ढंग में तूने ही तो संभाला
देह तेरी सिन्दूरी कांतिमय चेहरा है निराला
अंजना के प्यारे लाला
तू ही सबका है रखवाला
तृष्णा छोड़ी आँगन छोड़ा
राम से तुमने नाता जोड़ा
शिला उखाड़ी शत्रुदल टाडा
भय के भूत का बजरंजी ने उखाड़ा
सूरज का सा ओज अघाडा
रावन के दल बल को पछाड़ा
संजीवन पर्वत सहज उखाड़ा
तेरी महिमा क्या मैं गायुं
अपने तम को कैसे पिघलायुं
तुमने बांधी सागर पर शिला की धारा
तुम पर राम की कृपा अपारा
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श्री बजरंग बलि को समर्पित -
एक स्वरचित स्तुति रचनाकार – अमित तिवारी “ शून्य”
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