भगवती अम्बे की प्रार्थना
अतुकान्त कविता
द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’
ग्वालियर म.प्र.
दिनांक-
17.10.2020
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जीवन की भाग दौड में करता मैया तुझे नमन
सार्थक है तेरी भक्ति-शक्ति डूबा जिसमे मेरा तन-मन
नवरात्र के आरंभ से तेरी सृष्टि में हो नूतन सृजन
सबके हृदय में हो माँ तेरी भक्ति का पावन हवन
तुम्ही दुर्गा ,लक्ष्मी तुम्ही तुम्ही काली; तुम्हें वंदन
युगों के फेर में भी नही बदला मैया तेरा कोमल मन
कृपा तेरी से बनते सभी बिगडे भाल के हाल मैया तुझे नमन
ब्रह्मा हो या कि शिव हों करते सभी तेरा स्तवन
वाणी में क्या सामर्थ है कि गा पायुं तेरा भजन
क्या अचरज कि मूक भी करे तेरी कृपा से अट्टहास का प्रकटन
जब तलक मेरी शिरा में रक्त तन में प्राण शेष हों, मैया का
करसकूँ श्रवण
तेरा भजन मैं गा सकू, निष्पाप रह सकू, ऐसी रहे; कृपा तेरी मुझपर हर जनम
शक्ति तू ही, शिव की शिवा, दीनों का एक तू ही बस धन
काटेगी मैया की कृपा दीनों के भवसागर से सारे बंधन
हे आद्य शक्ति तुझको मेरा नमन मेरा नमन....,तुझे नमन...मेरा नमन
हे आद्य शक्ति तुझे ‘शून्य’ का कोटिशः नमन ...........हो
कोटिश: नमन
द्वारा अमित तिवारी ‘शून्य’
ग्वालियर म.प्र.
दिनांक-
17.10.2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें